India vs South Africa Highlights, Women’s World Cup Final 2025: India win maiden Women’s World Cup title

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India vs South Africa Highlights
India vs South Africa Highlights credit by the indian express

India vs South Africa Highlights

यहाँ भारत महिला बनाम दक्षिण अफ्रीका महिला फाइनल मैच की मुख्य झलकियाँ हिंदी में दी गई हैं:

🇮🇳 भारत ने 52 रन से जीत दर्ज की और अपना पहला वर्ल्ड कप खिताब जीता।
हर्मनप्रीत कौर ने शानदार कैच लेकर मैच का समापन किया। यह कैच दीप्ति शर्मा की पांचवीं विकेट पर आया, जिन्होंने इससे पहले महत्वपूर्ण अर्धशतक भी लगाया था।

🏏 लौरा वोल्वार्ड्ट ने शतक जड़ा, जो सेमीफाइनल में उनके शतक के बाद आया। हालांकि, वह जल्द ही दीप्ति शर्मा को आउट कर बैठीं, जिन्होंने उसी ओवर में एक और विकेट लेकर दक्षिण अफ्रीका को संकट में डाल दिया।

🔥 शैफाली वर्मा ने भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाए और फिर गेंदबाज़ी में दो अहम विकेट लेकर दक्षिण अफ्रीका को झकझोर दिया।

🟢 दक्षिण अफ्रीका की पारी की शुरुआत अच्छी रही, लेकिन भारत ने पहले 10 ओवरों के बाद दो तेज विकेट लेकर वापसी की। वोल्वार्ड्ट और सून लूस ने पारी को संभाला, लेकिन भारत लगातार विकेट की तलाश में रहा।

🏆 वोल्वार्ड्ट ने अर्धशतक पूरा किया और वर्ल्ड कप के किसी भी संस्करण में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड तोड़ा।

💥 अमनजोत कौर ने शानदार डायरेक्ट हिट से ताज़मिन ब्रिट्स को रन आउट किया, जिससे वोल्वार्ड्ट के साथ उनकी 51 रन की साझेदारी खत्म हुई। दो ओवर बाद एनीके बॉश भी आउट हो गईं।

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🏏 भारत की तेज शुरुआत के बाद दक्षिण अफ्रीका ने वापसी की और भारत को 298/6 के स्कोर पर रोक दिया।
भारत की पारी की शुरुआत शानदार रही, खासकर शैफाली वर्मा और स्मृति मंधाना के बीच 104 रन की ओपनिंग साझेदारी ने टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया।

🧠 मध्य ओवरों में कुछ विकेट जल्दी गिरने के बाद हर्मनप्रीत कौर और दीप्ति शर्मा ने पारी को संभाला और स्कोर को स्थिरता दी।
लेकिन यह स्थिरता 39वें ओवर में खत्म हो गई, जब नोनकुलुलेको म्लाबा ने हर्मनप्रीत को क्लीन बोल्ड कर दिया।

📉 भारत की टीम शुरुआत में 300 से ऊपर स्कोर करने की ओर बढ़ रही थी, लेकिन दक्षिण अफ्रीका की गेंदबाज़ी ने अंतिम ओवरों में रन गति को धीमा कर दिया।

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नवी मुंबई: कहते हैं कि “कैच जीत दिलाते हैं”। कुछ कैच ऐसे होते हैं जो सिर्फ मैच ही नहीं, पूरे टूर्नामेंट की किस्मत बदल देते हैं। ऐसा ही एक कैच था जब तत्कालीन भारतीय कप्तान कपिल देव ने 1983 वर्ल्ड कप फाइनल में वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज़ विव रिचर्ड्स को आउट करने के लिए पीछे की ओर दौड़ते हुए शानदार कैच पकड़ा था। उस समय रिचर्ड्स शानदार बल्लेबाज़ी कर रहे थे, और उनका आउट होना मैच का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ।

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India vs South Africa Highlights

रविवार रात, डीवाई पाटिल स्टेडियम में 40,000 दर्शकों की गगनभेदी चीखों और चमचमाती रोशनी के बीच, 2025 महिला वनडे वर्ल्ड कप फाइनल में एक ऐसा ही यादगार पल भारतीय ऑलराउंडर अमनजोत कौर ने रचा।

दक्षिण अफ्रीका की कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट 101 रन पर बल्लेबाज़ी कर रही थीं — संयमित, क्लासिक अंदाज़ में। वह अपनी टीम को अकेले दम पर जीत की ओर ले जा रही थीं। तभी उन्होंने डीप मिडविकेट की ओर एक शॉट खेला, जहां दौड़ती हुई अमनजोत ने तीसरे प्रयास में कैच पकड़ लिया।

उसके बाद जो शोर उठा, वह पूरे डीवाई पाटिल स्टेडियम में गूंज गया। अमनजोत की टीम की साथी खिलाड़ी उन्हें घेरे में ले आईं, और मैदान पर फैले फील्डर्स ने राहत की सांस ली। यह कैच इस बात की मुहर था कि यह रात भारत की थी — कुछ भी गलत नहीं हो सकता था।

अमनजोत ने मीडिया ज़ोन में मुस्कुराते हुए कहा:
“ओह माय गॉड, यह मेरे जीवन का सबसे मुश्किल कैच था। मैंने इससे पहले कभी कैच लेते हुए गलती नहीं की। या तो कैच पकड़ती हूं या छोड़ देती हूं — बीच का कुछ नहीं! पहली बार भगवान ने मुझे तीन मौके दिए। यह बहुत अहम कैच था, और हमें पता था कि वह शतक पूरा करने के बाद आक्रामक खेलेंगी और एक छोर से हमला करेंगी।”

यह पल भारत की ऐतिहासिक जीत को हमेशा के लिए यादगार बना गया।
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एक शानदार फील्डर के रूप में जानी जाने वाली अमनजोत कौर ने भारत की वर्ल्ड कप जीत में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका की सलामी बल्लेबाज़ ताज़मिन ब्रिट्स को रन आउट कर एक महत्वपूर्ण साझेदारी को तोड़ा।

अमनजोत ने कहा, “जब वे बल्लेबाज़ी कर रहे थे, तब विकेट बेहतर खेल रहा था। हमें पता था कि साझेदारियाँ तोड़ना ही जीत की कुंजी है। ओस के साथ रोशनी में फील्डिंग करना आसान नहीं होता। हमने कड़ी मेहनत की — फील्डिंग में कुछ चूकें ज़रूर हुईं, लेकिन भगवान ने चाहा कि हम जीतें।”

वर्ल्ड कप से पहले अमनजोत ने अपनी चोट को अपने परिवार से छुपाया और बेंगलुरु स्थित बीसीसीआई के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में जाकर रिकवरी की।

उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “मैंने अभी तक घर पर बात नहीं की है। मुझे बस इतना पता है कि उन्होंने पटाखे फोड़े हैं और मेरे दादा-दादी सो रहे हैं। सुबह मेरी मौसी ने मुझसे कहा था कि बिना देखे बस बल्ला घुमा देना। मेरे परिवार को क्रिकेट की ज़्यादा समझ नहीं है। उनके लिए अगर गेंद बल्ले से लग जाए तो चौका है, नहीं तो आउट — और अगर लेग-बिफोर हो गए तो फिर बल्ला लेकर मैदान में क्यों आए थे?”

यह बयान न केवल अमनजोत की विनम्रता और हास्यभाव को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे एक साधारण पृष्ठभूमि से आई खिलाड़ी ने विश्व मंच पर चमक बिखेरी।

दीप्ति शर्मा की प्रशंसा करते हुए, जिन्होंने भारत की वर्ल्ड कप अभियान में जबरदस्त योगदान दिया — फाइनल में 58 रन बनाए और पांच विकेट झटके (कुल 9 मैचों में 22 विकेट और 238 रन, जिसमें तीन अर्धशतक शामिल हैं) — अमनजोत कौर ने इस सीनियर ऑफ स्पिनर को टीम की “गोंद” कहा जो सबको जोड़कर रखती हैं।

अमनजोत ने कहा, “आप कोई भी मैच उठा लें जिसमें दीप्ति खेल रही हों — कोई न कोई रिकॉर्ड टूटता ही है। दीप्ति उस गोंद की तरह हैं जो हमारी टीम को एक साथ बांधती हैं, चाहे वो गेंदबाज़ी हो, बल्लेबाज़ी या फील्डिंग।”

📍 गुवाहाटी में भारत के पहले मैच में, जब टीम श्रीलंका के खिलाफ 27 ओवर में 124/6 पर संघर्ष कर रही थी, अमनजोत ने 56 गेंदों में अहम 57 रन बनाए और दीप्ति शर्मा के साथ मिलकर 103 रन की साझेदारी की। भारत ने DLS मेथड से 59 रन से जीत दर्ज की।

🏟️ सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ, डीवाई पाटिल स्टेडियम में अमनजोत ने फोएबी लिचफील्ड (119) का महत्वपूर्ण विकेट लिया, जब उन्होंने उन्हें क्लीन बोल्ड किया। इस हाई-स्कोरिंग मैच में उन्होंने 8 ओवर में 51 रन दिए और 8 गेंदों में नाबाद 15 रन की तेज़ पारी भी खेली।
उन्होंने कहा, “मैंने बस सीधा गेंद डालने पर ध्यान दिया था।”

🗣️ फाइनल से पहले कप्तान हरमनप्रीत ने टीम से क्या कहा, इसे याद करते हुए 25 वर्षीय अमनजोत ने बताया:
“उनके लिए यह ज्यादा मुश्किल रहा है क्योंकि उन्होंने जो उतार-चढ़ाव देखे हैं, वो हमने नहीं देखे। छोटे अंतर से हारना अच्छा नहीं लगता, और उन्होंने कहा था कि इस बार हम छोटे अंतर से हारना नहीं चाहते — हर किसी को पूरी ताकत झोंकनी होगी।”

यह बयान दर्शाता है कि कैसे टीम भावना, नेतृत्व और व्यक्तिगत संघर्षों ने भारत को उसकी पहली महिला वर्ल्ड कप ट्रॉफी तक पहुँचाया।

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