14 october 2025 current affairs: today current affair

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14 october 2025 current affairs: today current affair

 

14 october 2025 current affairs: today current affair
14 october 2025 current affairs: today current affair

1. भारत के किस पड़ोसी देश से सीमा-झड़प के दौरान अक्‍टूबर 2025 में पाकिस्‍तान के 58 सैनिक मारे गए?
58 Pakistani soldiers were killed in October 2025 during a border clash with which neighbouring country of India?

a. चीन
b. ईरान
c. अफगानिस्‍तान
d. उज्‍बेकिस्‍तान

Answer: c. अफगानिस्‍तान

– अफगानिस्‍तान और पाकिस्‍तान के बीच सीमा विवाद और

– अफगानिस्‍तान और पाकिस्‍तान की अंतर्राष्‍ट्रीय सीमा (विवादित डुरंड लाइन) पर 11 अक्‍टूबर की रात को दोनों देशों की सेनाओं के बीच गोलीबारी हुई।
– शुरुआत अफगानिस्‍तान ने की। एक दो नहीं, छह मोर्चे पर एकसाथ फायरिंग की।
– यह हमला पाकिस्‍तान के कथित एयरस्‍ट्राइक का बदला था, जो तीन दिन पहले काबुल पर हुआ था। यह तनाव तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) जैसे समूहों की सक्रियता से जुड़ा है, जो पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान में शरण लेने का आरोप लगाते हैं।
– तालिबान सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि अफगान सुरक्षा बलों ने पाकिस्तान की 25 सैन्य चौकियां कब्जे में ले ली हैं। इस कार्रवाई में 58 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए, जबकि 30 अन्य घायल हुए हैं।
– इसके जवाब में पाकिस्तानी सेना ने कहा कि उसके सिर्फ 25 सैनिक मारे गए हैं, जबकि उसने 200 तालिबानी लड़ाकों को ढेर कर दिया है।
– हालात इतने बिगड़ गए कि कतर, ईरान और सऊदी को बीच में आना पड़ा।
– कतर और सऊदी अरब के कहने पर तालिबान ने फायरिंग बंद की।
– इसके बाद अफगान रक्षा मंत्रालय ने कहा- हमारा ऑपरेशन आधी रात को खत्म हो गया। अगर पाकिस्तान ने फिर से अफगानिस्तान सीमा का उल्लंघन किया, तो हमारी सेना देश की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है।

अफगानिस्‍तान के विदेश मंत्री ने पाकिस्‍तान को सुधर जाने को कहा
– अफगानिस्‍तान और पाकिस्‍तान में जब फायरिंग हो रही थी, उस वक्‍त तालिबान शासन (अफ़ग़ानिस्तान) के विदेश मंत्री मौलवी आमिर ख़ान मुत्तक़ी दिल्ली स्थित दूतावास में आयोजित प्रेस मीट में पाकिस्तान को सुधरने की सलाह दी:
– उन्‍होंने पाकिस्‍तान की खिल्ली उड़ाते हुए कहा की हमारे पड़ोसी तो ईरान, चीन, तजाकिस्तान, उज्‍बेकिस्‍तान, तुर्कमेनिस्तान….है, उन्‍हें शिकायत नहीं है। सारी समस्या पाकिस्तान के साथ क्यों है? पाकिस्तान को अपने आइने में झांककर देखना चाहिए…
– उन्‍होंने कहा – “अफ़ग़ानिस्तान भी इस ख़ित्ते के एक आज़ाद मुल्क है. जब उधर अमन आया है, तो फिर लोगों को क्यूँ तकलीफ़ है?… अफ़ग़ानिस्तान में अमन-ओ-तरक़्क़ी सारे ख़ित्ते के ख़ैर में है… हम जैसा हिंदुस्तान के साथ अच्छा ताल्लुक़ात चाहता है, पाकिस्तान के साथ भी अच्छा ताल्लुक़ात चाहता है. अफ़ग़ानियों के हौसले नहीं आजमाया (चाहिए). अगर (कोई) करता है, तो वो एक बार अंग्रेज़ से पूछे, फिर सोवियत यूनियन से पूछे, फिर अमरीका से पूछे, फिर नाटो से पूछे, ताकि आपको समझ आये कि अफ़ग़ानिस्तान के साथ ऐसा खेल करना अच्छा नहीं है.”

पाकिस्तान पर ISIS के आतंकियों को पनाह देने का आरोप
– तालिबान ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया है कि वह अपनी जमीन पर ISIS के आतंकियों को शरण दे रहा है।
– तालिबान ने इन आतंकियों को अफगानिस्तान समेत पूरी दुनिया के लिए खतरा बताते हुए उन्हें पाकिस्तान से निकालने या अफगानिस्तान के हवाले करने के लिए कहा।
– तालिबान प्रवक्ता ने बताया कि अफगानिस्तान ने अस्थिरता फैलाने वाले सभी तत्वों को खत्म कर दिया था, लेकिन अब उनके नए ठिकाने पाकिस्तान के पख्तूनख्वा इलाके में बना दिए गए हैं।
– उन्होंने आरोप लगाया कि इन ठिकानों पर कराची और इस्लामाबाद एयरपोर्ट के जरिए नए लड़ाकों को लाया जा रहा है और यहीं पर उन्हें ट्रेनिंग दी जा रही है।
– मुजाहिद ने यह भी दावा किया कि ईरान और रूस में हुए हमलों की योजना भी इन्हीं पाकिस्तानी ठिकानों से बनाई गई थी।

पाक बोला- भारत की तरह मुंहतोड़ जवाब देंगे
– पाकिस्तानी गृह मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि अफगानिस्तान को भी भारत की तरह मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा, ताकि वह पाकिस्तान की ओर बुरी नजर से देखने की हिम्मत न कर सके।

तहरीक-ए-तालिबान
– तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP), जिसे पाकिस्तानी तालिबान भी कहा जाता है, 2007 में विभिन्न मिलिटेंट समूहों का गठबंधन बनाकर स्थापित हुआ।
– यह अफगान तालिबान से प्रेरित लेकिन अलग संगठन है, जो मुख्य रूप से खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में सक्रिय है।
– TTP का उद्देश्य पाकिस्तान में शरिया-आधारित इस्लामी अमीरात स्थापित करना है, और यह पाकिस्तानी सेना व सरकार को अपना मुख्य दुश्मन मानता है।
– अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद TTP ने पुनः मजबूती पाई।
– पाकिस्तान का आरोप है कि अफगान तालिबान TTP को शरण देता है और अफगान मिट्टी से पाकिस्तान पर हमले करवाता है।
– TTP ने 2022-2024 में सैकड़ों हमले किए, जिसमें सैनिकों व नागरिकों की मौत हुई।

पाकिस्तान और TTP में लड़ाई क्यों?
– 2001 में अमेरिका के अफगानिस्तान पर हमले के बाद पाकिस्तान ने अमेरिका का साथ दिया। इससे TTP नाराज हो गया, वह इसे इस्लाम के खिलाफ मानता था।
– TTP का मानना है कि पाकिस्तान सरकार सच्चा इस्लाम नहीं मानती है, इसलिए वो उसके खिलाफ हमला करता है।
– TTP का अफगान तालिबान के साथ गहरा जुड़ाव है। दोनों समूह एक-दूसरे को समर्थन देते हैं।
– 2021 में अफगान तालिबान के सत्ता में आने के बाद पाकिस्तान ने TTP को निशाना बनाकर अफगानिस्तान में हमले किए।
– TTP पश्तून समुदाय की गरीबी, बेरोजगारी और सरकार की अनदेखी जैसी शिकायतों का फायदा उठाता है।

मुत्ताकी के भारत दौरे से पाकिस्तान तिलमिलाया
– भारत-अफगानिस्तान के संयुक्त बयान से पाकिस्तान तिलमिलाया हुआ है। उसकी बौखलाहट जम्मू-कश्मीर को भारत का हिस्सा बताने से है। पाक विदेश मंत्रालय ने बयान पर इस्लामाबाद में अफगानिस्तान के राजदूत से कड़ा विरोध जताया है। दिल्ली की प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुत्ताकी के पाक और आतंकवाद पर दिए गए बयान पर नाराजगी जताई।

————–14 october 2025 current affairs
2. अफगानिस्‍तान और पाकिस्‍तान में सीमा विवाद किस विवादित ब्रिटिश लाइन (रेखा) को लेकर है, जहां दोनों के बीच खूनी झड़प हुआ?
The border dispute between Afghanistan and Pakistan is about which disputed British line, where a bloody conflict took place between the two?

a. मैकमोहन लाइन
b. डुरंड लाइन
c. रेडक्लिफ लाइन
d. जॉनसन लाइन

Answer: b. डुरंड लाइन (डुरांड लाइन अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच 2,640 किलोमीटर लंबी सीमा रेखा है, जिसे 1893 (132 साल पहले) में ब्रिटिश भारत के विदेश सचिव सर मोर्टिमर डुरांड ने अफगानिस्तान के अमीर अब्दुर रहमान खान के साथ समझौते के तहत खींचा था। यह रेखा पश्तून और बलूच जनजातियों को विभाजित करती है, जो ऐतिहासिक रूप से एक ही सांस्कृतिक और जातीय समूह हैं। अफगानिस्‍तान इस लाइन को नहीं मानता है)

वर्तमान स्थिति (अक्टूबर 2025):
– हाल ही में, 11-12 अक्टूबर 2025 को डुरांड लाइन के साथ भारी झड़पें हुईं, जिसमें अफगानिस्तान ने 58 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत का दावा किया, जबकि पाकिस्तान ने अफगान हमले का आरोप लगाया।
– तालिबान शासित अफगानिस्तान ने पाकिस्तानी हवाई हमलों के जवाब में गोलीबारी की, जिससे सीमा बंद हो गई और व्यापार प्रभावित हुआ।
– यह तनाव तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) जैसे समूहों की सक्रियता से जुड़ा है, जो पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान में शरण लेने का आरोप लगाते हैं।
– दोनों देशों के बीच सीमा पर तारबंदी और घुसपैठ की घटनाएं आम हैं, जो क्षेत्रीय अस्थिरता बढ़ा रही हैं।

अंग्रेजों द्वारा बनाई गई प्रमुख रेखाएं और विवाद

1) रेडक्लिफ लाइन (Radcliffe Line)
– 1947 में सर साइरिल रेडक्लिफ द्वारा भारत के विभाजन के दौरान खींची गई।
– यह पंजाब और बंगाल प्रांतों को भारत और पाकिस्तान (तत्कालीन पश्चिम पाकिस्तान) के बीच विभाजित करती है, जिसकी लंबाई लगभग 3,323 किमी है।
– परिणामस्वरूप लाखों लोगों का विस्थापन और सांप्रदायिक हिंसा हुई। यह भारत-बांग्लादेश सीमा (पूर्वी पाकिस्तान के रूप में) का आधार बनी।

2) मैकमोहन लाइन (McMahon Line)
– 1914 में शिमला सम्मेलन के दौरान सर हेनरी मैकमोहन द्वारा ब्रिटिश भारत और तिब्बत (वर्तमान चीन) के बीच खींची गई।
– यह लगभग 890 किमी लंबी पूर्वी हिमालयी सीमा (अरुणाचल प्रदेश क्षेत्र) को परिभाषित करती है, लेकिन चीन इसे मान्यता नहीं देता, जिससे 1962 का युद्ध और आज का सीमा विवाद है।

3) जॉनसन लाइन (Johnson Line)
– 1865 में ब्रिटिश सर्वेयर सर विलियम जॉनसन द्वारा लद्दाख (ब्रिटिश भारत) और तिब्बत (चीन) के बीच प्रस्तावित सीमा रेखा, जो अक्साई चिन क्षेत्र को भारत में शामिल करती है।
– यह बाद में अर्ग्ड-जॉनसन लाइन के रूप में विकसित हुई। विवाद: चीन इसे अस्वीकार करता है और मैकआर्टनी-मैकडॉनल्ड लाइन का हवाला देता है, जिससे सिनो-इंडियन बॉर्डर डिस्प्यूट उत्पन्न हुआ। 1962 का युद्ध और हाल के लद्दाख टकराव इसी से जुड़े हैं।

4) मैकडॉनल्ड लाइन (Macdonald Line)
– 1899 में ब्रिटिश इंडियन गवर्नमेंट द्वारा सर क्लाउड मैकडॉनल्ड के नेतृत्व में चीन को प्रस्तावित मैकआर्टनी-मैकडॉनल्ड लाइन, जो अक्साई चिन के कुछ हिस्सों को चीन में छोड़ती है।
– यह रूस के विस्तार को रोकने के उद्देश्य से खींची गई। विवाद: भारत इसे मान्यता नहीं देता और जॉनसन लाइन पर जोर देता है, जबकि चीन इसे वैध मानता है।
– यह सिनो (चीन)-इंडियन सीमा विवाद का प्रमुख हिस्सा है।

5) डूरंड लाइन (Durand Line)
– डूरंड लाइन अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच 2,640 किलोमीटर लंबी सीमा रेखा है, जिसे 1893 में ब्रिटिश भारत के विदेश सचिव सर मोर्टिमर डुरांड ने अफगानिस्तान के अमीर अब्दुर रहमान खान के साथ समझौते के तहत खींचा था।
– यह रेखा पश्तून और बलूच जनजातियों को विभाजित करती है, जो ऐतिहासिक रूप से एक ही सांस्कृतिक और जातीय समूह हैं।
– अफगानिस्तान ने इस रेखा को कभी पूर्ण रूप से मान्यता नहीं दी, क्योंकि इसे ब्रिटिश साम्राज्यवाद का परिणाम माना जाता है।
– 1947 में भारत के विभाजन के बाद पाकिस्तान को यह सीमा विरासत में मिली, लेकिन अफगानिस्तान ने इसे अस्वीकार करते हुए ‘पश्तूनिस्तान’ (पश्तूनों का अलग देश) की मांग की।

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3. नेशनल पार्क में इनोवेशन के लिए IUCN (इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर) का पुरस्‍कार जीतने वाली पहली भारतीय कौन हैं?
Who is the first Indian to win the IUCN award for innovation in national parks?

a. रश्मिका वर्मा
b. रोमन सुल्‍तान
c. अजीत चटर्जी
d. सोनाली घोष

Answer: d. सोनाली घोष (काजीरंगा नेशनल पार्क व टाइगर रिजर्व, असम की डायरेक्‍टर)

– IUCN (इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर) ने यह अवॉर्ड की घोषणा की है।
– पुरस्कार प्राप्तकर्ता: सोनाली घोष (Sonali Ghosh), काजीरंगा नेशनल पार्क एंड टाइगर रिजर्व की निदेशक
– पुरस्कार का नाम: IUCN अवॉर्ड फॉर इनोवेशन इन नेशनल पार्क्स (IUCN Award for Innovation in National Parks)।
– घोषणा की तिथि: अक्टूबर 2024 (अबू धाबी में IUCN वर्ल्ड कंजर्वेशन कांग्रेस के दौरान)
– उद्देश्य: राष्ट्रीय उद्यानों के प्रबंधन में नवाचार को मान्यता, विशेष रूप से AI, ड्रोन निगरानी और रीयल-टाइम डेटा एनालिटिक्स के माध्यम से वन्यजीव संरक्षण।
– स्थान: काजीरंगा नेशनल पार्क, असम (Assam), भारत। यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है और एक सींग वाले गैंडे (One-horned Rhinoceros) सहित लुप्तप्राय प्रजातियों का घर है।
– मुख्य उपलब्धियां: उनके नेतृत्व में एक सींग वाले गैंडे की आबादी 2018 में 2,613 से बढ़कर 2022 में 3,802 हो गई। साथ ही, बाढ़-प्रभावित क्षेत्रों में समुदाय-आधारित इको-डेवलपमेंट पहलें और एंटी-पोचिंग प्रयासों में तकनीकी एकीकरण।

IUCN (इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर)
– स्थापना: 1948 में स्विट्जरलैंड के ग्लैंड में स्थापित।
– सदस्यता: 140 से ज्यादा कंट्रीज और 1,000 से अधिक एनजीओज के साथ काम करता है।
– मुख्य उद्देश्य: नेचर कंजर्वेशन, बायोडायवर्सिटी प्रोटेक्शन और ग्लोबल एनवायरनमेंटल इश्यूज को एड्रेस करना।
– प्रसिद्ध काम: रेड लिस्ट ऑफ थ्रेटन्ड स्पीशीज – एंडेंजर्ड स्पीशीज की डेटाबेस, जैसे इंडियन वन-हॉर्न्ड राइनो या स्नो लेपर्ड।
– अन्य भूमिकाएं: गवर्नमेंट्स को पॉलिसी एडवाइस देना, सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लिए गाइडलाइंस बनाना।
– भारत में योगदान: काजीरंगा नेशनल पार्क जैसे प्रोजेक्ट्स को अवॉर्ड देना और लोकल कंजर्वेशन में सपोर्ट।
– सहयोग: यूएन जैसे इंटरनेशनल बॉडीज के साथ कोलैबोरेशन टू सेव द प्लैनेट।

—————14 october 2025 current affairs
4. पीएम धन-धान्य कृषि योजना (PMDDKY) का उद्देश्‍य बताएं, जिसकी शुरुआत PM मोदी ने अक्‍टूबर 2025 में की?
What is the objective of the PM Dhan-Dhanya Krishi Yojana (PMDDKY), which was launched by PM Modi in October 2025?

a. कम उत्पादकता वाले 100 जिलों में कृषि उत्‍पादन बढ़ाना
b. धान की फसल के निर्यात को बढ़ावा देना
c. दाल उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करना
d. जल कृषि को बढ़ावा देना

Answer: a. कम उत्पादकता वाले 100 जिलों में कृषि उत्‍पादन बढ़ाना

– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2025 कोदो प्रमुख नई कृषि योजनाओं ‘पीएम धान धान्य कृषि योजना’ (PMDDKY) और ‘दालों में आत्मनिर्भरता मिशन’ की शुरुआत की।
– इनकी कुल लागत 35,440 करोड़ रुपये है।
– यह घोषणा भारत रत्न लोक नायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में किसानों के साथ संवाद के दौरान की गई।

पीएम धान धान्य कृषि योजना (PMDDKY)
– उद्देश्य: पिछड़े जिलों में कृषि उत्पादकता, फसल तीव्रता और ऋण पहुंच बढ़ाना। यह 2014 से शुरू कृषि सुधारों का हिस्सा है।
– कवरेज: कम उत्पादकता, मध्यम फसल तीव्रता और औसत से कम ऋण पहुंच वाले 100 कृषि जिलों को लक्षित।
– फंडिंग: 24,000 करोड़ रुपये की कुल राशि मौजूदा योजनाओं के एकीकरण से।
– लाभ: चयनित जिलों का उत्थान, किसानों को बेहतर संसाधन और बाजार पहुंच।

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5. ‘दालों (दलहन) में आत्मनिर्भरता मिशन’ के तहत 2030-31 तक कितना दाल उत्‍पादन का लक्ष्‍य रखा गया है?
What is the target of pulse production by 2030-31 under the ‘Mission for Self-Reliance in Pulses’?

a. 150 लाख टन
b. 250 लाख टन
c. 350 लाख टन
d. 450 लाख टन

Answer: c. 350 लाख टन

– भारत दुनिया का सबसे बड़ा दाल उत्पादक देश होने के बावजूद, अपनी कुल जरूरत का लगभग 25-30% दालें आयात करता है, मुख्य रूप से कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और म्यांमार से। यह आयात निर्भरता न केवल विदेशी मुद्रा का अपव्यय करती है, बल्कि वैश्विक कीमतों के उतार-चढ़ाव और आपूर्ति श्रृंखला की कमजोरियों से खाद्य सुरक्षा को खतरे में डालती है।

दलहन में आत्मनिर्भरता मिशन
– मिशन का उद्देश्य: दाल उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करना, आयात पर निर्भरता कम करना और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना। PM मोदी ने इसे “भविष्य की पीढ़ियों को सशक्त बनाने का अभियान” कहा।
कवरेज: पूरे देश में दालों की खेती पर फोकस; 2030-31 तक क्षेत्र विस्तार, उत्पादन वृद्धि और उपज सुधार के लक्ष्य।
– फंडिंग: 11,440 करोड़ रुपये।
– कार्यान्वयन: 1 अक्टूबर 2025 को कैबिनेट द्वारा अनुमोदित; 2025-26 से 2030-31 तक।
– लाभ: किसानों को दाल खेती में अवसर बढ़ेंगे; 2030-31 तक उत्पादन 350 लाख टन, क्षेत्र 310 लाख हेक्टेयर और उपज 1,130 किग्रा/हेक्टेयर का लक्ष्य।

क्‍यों जरूरी है दालों में आत्मनिर्भरता मिशन
– खाद्य सुरक्षा मजबूत करना: दालें प्रोटीन का प्रमुख स्रोत हैं, खासकर शाकाहारी आबादी के लिए। आत्मनिर्भरता से घरेलू उपलब्धता सुनिश्चित होगी, जो महंगाई और वैश्विक संकटों (जैसे यूक्रेन युद्ध) से प्रभावित होने से बचेगी। यह मिशन 2030-31 तक पूर्ण आत्मनिर्भरता का लक्ष्य रखता है, जिससे खाद्य सुरक्षा को मजबूती मिलेगी।
– आयात पर निर्भरता कम करना: मिशन 2027 तक आयात में 30% कमी लाने का लक्ष्य रखता है, जिससे विदेशी मुद्रा की बचत होगी और किसानों को बेहतर बाजार मिलेगा।
– मिट्टी स्वास्थ्य और सतत कृषि: दालें नाइट्रोजन फिक्सिंग करती हैं, जो मिट्टी की उर्वरता बढ़ाती हैं। यह मिशन चावल-गिरावट वाले क्षेत्रों में दाल खेती को बढ़ावा देगा, जिससे मिट्टी का स्वास्थ्य सुधरेगा और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का सामना करने में मदद मिलेगी। हालांकि, जलवायु तनाव और अन्य फसलों से प्रतिस्पर्धा चुनौतियां बनी रहेंगी।

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6. ‘गाजा पीस समिट’ (अक्‍टूबर 2025) में भारत सरकार की ओर से किस मंत्री ने प्रतिनिधित्‍व किया?
Which minister participated on behalf of the Government of India in the ‘Gaza Peace Summit’ (October 2025)?

a. राज्‍यवर्धन सिंह राठौर
b. अमित शाह
c. एस जयशंकर
d. कीर्तिवर्धन सिंह

Answer: d. कीर्तिवर्धन सिंह (विदेश राज्‍य मंत्री) {13 अक्‍टूबर 2025 को मिस्र के शर्म-अल शेख में समिट आयोजित की गई।}

– इस समिट में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी ने भारतीय प्रधानमंत्री सहित कई विश्‍व नेताओं को आमंत्रित किया था। हालांकि अल्प सूचना के कारण मिस्र का निमंत्रण अस्वीकार कर दिया गया।
– हालांकि भारत की ओर से विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने प्रतिनिधित्‍व किया।
– प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप को फोन पर युद्धविराम पर बधाई दी।

गजा पीस समिट के बारे में
– सम्मेलन विवरण: 13 अक्टूबर 2025 को शर्म अल-शेख (मिस्र) में आयोजन, इजरायल-हमास युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर।
– उद्देश्य: गाजा में युद्ध समाप्ति, क्षेत्रीय स्थिरता बहाली और फिलिस्तीनी पीड़ा कम करना।
– आयोजक: मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप।
– मुख्य घटनाएं: हमास 20 जीवित इजरायली बंधकों और मृतकों के शवों को रिहा करेगा, बदले में इजरायल लगभग 2,000 फिलिस्तीनी कैदियों को मुक्त करेगा (2023 हमलों से जुड़े बंधक)।
– अन्य प्रतिभागी: यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस, यूके के पीएम कीर स्टार्मर, यूरोपीय काउंसिल के अध्यक्ष एंटोनियो कोस्टा, फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास, फ्रांस, इटली, स्पेन, यूके, गल्फ देशों के नेता। पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने पुष्टि की। लगभग 20 विश्व नेता भाग लेंगे।
– अनुपस्थिति: इजरायल, हमास और फिलिस्तीन अथॉरिटी (PA) ने भाग लेने से इंकार किया, हालांकि अब्बास की उपस्थिति PA का प्रतिनिधित्व कर सकती है। ईरान ने आमंत्रण ठुकरा दिया।

महत्व (Significance):
– यह समिट न केवल गाजा संघर्ष को समाप्त करने का प्रयास है, बल्कि मध्य पूर्व में व्यापक शांति (जैसे इजरायल-फिलिस्तीन द्विराष्ट्र समाधान) को बढ़ावा देगा।
– यह SDG 16 (शांति और न्याय) से जुड़ा है और वैश्विक शक्तियों (अमेरिका, यूरोप, अरब देश) के सहयोग को दर्शाता है।
– भारत के लिए, यह मिस्र के साथ रणनीतिक साझेदारी और आर्थिक कॉरिडोर (IMEC – इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर) को मजबूत करेगा।
– इस कॉरीडोर पर काम हमास-इजरायल युद्ध की वजह से रुका हुआ है।

—————-14 october 2025 current affairs
7. विश्व डाक दिवस कब मनाया जाता है?
When is World Post Day celebrated?

a. 7 अक्टूबर
b. 8 अक्टूबर
c. 9 अक्टूबर
d. 10 अक्टूबर

Answer: c. 9 अक्टूबर

2025 की थीम :
– लोगों के लिए डाक: स्थानीय सेवा
– Post For People: Local Service

– डाक की उपयोगिता बताने के लिए इसे विश्व भर में 9 अक्टूबर में मनाया जाता है।
– इसी दिन 1874 में यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन की स्‍थापना हुई थी।
– यह दिवस संयुक्‍त राष्‍ट्र के द्वारा घोषित है।

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8. राष्‍ट्रीय डाक दिवस कब मनाया जाता है?
When is National Post Day celebrated?

a. 7 अक्टूबर
b. 8 अक्टूबर
c. 9 अक्टूबर
d. 10 अक्टूबर

Answer: d. 10 अक्टूबर

– हर साल यह 10 अक्टूबर को मनाया जाता है और यह विश्व डाक दिवस का ही विस्तार है, जो 9 अक्टूबर को मनाया जाता है।
– 9 अक्टूबर से 13 अक्टूबर तक भारत में राष्ट्रीय डाक सप्ताह मनाया जाता है।
– करीब 150 से भी अधिक वर्षों से, डाक विभाग देश की रीढ़ बनकर काम कर रहा है।
– इसने संचार का प्रमुख साधन बनकर देश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
– 1854 में गवर्नर जनरल लॉर्ड डलहौजी ने इंडिया पोस्ट की नींव रखी।

—————14 october 2025 current affairs
9. फ्रांस में मात्र 27 दिनों में इस्‍तीफा देने के बाद फिर से अक्‍टूबर 2025 में प्रधानमंत्री कौन बने?
Who became the Prime Minister of France again in October 2025 after resigning in just 27 days?

a. गेराल्ड डार्मैनिन
b. सेबेस्टियन लेकोर्नू
c. रचिदा दाती
d. ब्रूनो ले मायेर

Answer: b. सेबेस्टियन लेकोर्नू

– उन्‍होंने मांत्र 27 दिनों के कार्यकाल के बाद 9 अक्‍टूबर को इस्‍तीफा दे दिया था।
– हालांकि 10 अक्‍टूबर 2025 को राष्‍ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने फिर से सैबेस्टियन लेकोर्नू को प्रधानमंत्री नियुक्‍त किया।
– वह 2022 में राष्‍ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद से 6ठे प्रधानमंत्री थे। जबकि 13 महीनों में वह पांचवें पीएम हैं।

फ्रांस में प्रधानमंत्री और राष्‍ट्रपति में क्‍या फर्क है
– फ्रांस का राष्ट्रपति = राष्ट्र का चेहरा, विदेश नीति और रक्षा का मुखिया।
– फ्रांस का प्रधानमंत्री = सरकार का चालक, संसद को जवाबदेह, आंतरिक नीति और प्रशासन का प्रमुख

फ्रांस में “सेमी-प्रेसीडेंशियल सिस्टम” क्‍या है?
– फ्रांस में “सेमी-प्रेसीडेंशियल सिस्टम” (Semi-Presidential System) चलता है, जिसे वहाँ Fifth Republic (1958 से लागू) के संविधान ने स्थापित किया। इस कारण वहाँ राष्ट्रपति (President) और प्रधानमंत्री (Prime Minister) दोनों होते हैं, और दोनों के बीच शक्तियों का बँटवारा साफ़ है।
– यहां मुख्‍य कार्यकारी शक्ति राष्‍ट्रपति के पास है और प्रधानमंत्री उनके निर्देश पर काम करते हैं।

राष्ट्रपति (President of France)
– जनता सीधे चुनाव करती है (5 साल का कार्यकाल) → यानी राष्ट्रपति की वैधता सबसे मज़बूत होती है।
– राष्ट्रपति ही Head of State (राज्य का प्रमुख) है।

मुख्य भूमिकाएँ:
– विदेश नीति (Foreign Policy) और रक्षा (Defence) पर नियंत्रण।
– फ्रांस के सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर।
– अंतरराष्ट्रीय संधियों पर हस्ताक्षर और देश का प्रतिनिधित्व।
– प्रधानमंत्री की नियुक्ति करते हैं (लेकिन नेशनल असेंबली का बहुमत देखते हुए)।
– नेशनल असेंबली (लोकसभा जैसी) को भंग कर सकते हैं।
– आपातकाल की स्थिति में विशेष शक्तियाँ।

प्रधानमंत्री (Prime Minister of France)
– राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किए जाते हैं, लेकिन शर्त यह कि नेशनल असेंबली (Assemblée Nationale) में जिनकी पार्टी/गठबंधन का बहुमत है, उसी का नेता प्रधानमंत्री बनता है।
– प्रधानमंत्री ही Head of Government (सरकार का प्रमुख) है।

मुख्य भूमिकाएँ:
– संसद (Parliament) को जवाबदेह।
– देश की आंतरिक नीतियों (Domestic Policy) का संचालन।
– कानून लागू कराना और प्रशासन चलाना।
– सरकारी विभागों/मंत्रालयों का कामकाज देखना।
– राष्ट्रपति के आदेशों और कानूनों को लागू करना।

“कोहैबटैशन” (Cohabitation) स्थिति
– अगर राष्ट्रपति और नेशनल असेंबली में बहुमत वाली पार्टी अलग-अलग हों, तो राष्ट्रपति को विपक्षी बहुमत का प्रधानमंत्री नियुक्त करना पड़ता है।
– इस स्थिति को फ्रेंच राजनीति में “कोहैबटैशन” (Cohabitation) कहते हैं।
– ऐसे में राष्ट्रपति विदेश नीति संभालते हैं और प्रधानमंत्री आंतरिक नीति।

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10. भारतीय विदेश सेवा (इंडियन फॉरेन सर्विस) दिवस कब मनाया जाता है?
When is Indian Foreign Service Day celebrated?

a. 06 अक्टूबर
b. 07 अक्टूबर
c. 08 अक्टूबर
d. 09 अक्टूबर

Answer: d. 09 अक्टूबर

– इस दिवस को वर्ष 2011 से मनाया जा रहा है।
– 09 अक्टूबर 1946 को इंडियन फॉरेन सर्विस स्थापित की गई थी, इसी को मनाने के लिए यह दिन सेलीब्रेट किया जाता है।

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11. किस राज्‍य सरकार ने ‘गोमती नदी पुनर्जीवन मिशन’ की घोषणा की?
Which state government announced the ‘Gomti River Rejuvenation Mission’?

a. बिहार
b. हरियाणा
c. मध्‍य प्रदेश
d. उत्‍तर प्रदेश

Answer: d. उत्‍तर प्रदेश

– मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने यह ऐलान किया।
– उन्‍होंने कहा कि यह सिर्फ प्रशासनिक परियोजना नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग की सहभागिता से चलने वाली एक जन-आंदोलनात्मक पहल होगी।
– गोमती में एक भी बूंद सीवरेज न गिरे, इसके लिए अल्पकालिक-दीर्घकालिक रणनीति तैयार की जाए। अवैध बस्तियों में घुसपैठियों की पहचान कर विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी, ताकि गोमती तटों पर स्वच्छता-सुरक्षा दोनों सुनिश्चित की जा सकें।
– मिशन का दायरा पीलीभीत से गाजीपुर तक गोमती नदी के संपूर्ण प्रवाह क्षेत्र को कवर करेगा, जिससे गोमती पूरे विस्तार में स्वच्छ, अविरल-निर्मल रूप पा सके।

गोमती नदी के बारे में
– गोमती नदी उत्तर प्रदेश की एक प्रमुख नदी है, जो गंगा की सहायक नदी है। यह सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व रखती है, लेकिन प्रदूषण से प्रभावित है।
– उत्पत्ति और स्रोत: उद्गम पीलीभीत जिले के माधोटांडा में गोमत ताल (फुलहर झील) से। ऊंचाई लगभग 200 मीटर। शुरुआत संकरी धारा के रूप में।
– लंबाई और मार्ग: कुल लंबाई 960 किमी। पूरी तरह उत्तर प्रदेश में बहती है। गंगा में वाराणसी के कैथी में मिलती है। औसत जल प्रवाह 234 घन मीटर/सेकंड। लखनऊ में 30 किमी लंबी मेरीनिंग करती हुई बहती है, जहां बैराज से झील बनी है।
– प्रमुख शहर और कस्बे: जलग्रहण क्षेत्र में 20 कस्बे प्रभावित, जैसे लखनऊ, लखीमपुर खीरी, सुल्तानपुर, जौनपुर। लखनऊ को जल आपूर्ति प्रदान करती है।

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